मडूंसी की रोकथाम के लिए स्प्रे किए गए खरपतवारनाशी से घास कुल जाति के खरपतवारों का नियंत्रण हो जाता है परन्तु चौड़ी पत्ती के खरपतवारों जैसे जंगली पालक, मालवा या दूधी जैसे खरपतवारों में बढ़ोतरी हो रही है।
2.
गेहूं में गुल्ली डंडा, गेहूंसा, मंडूसी, गेहूं का मामा, जंगली जई, बथुआ, खरबाथु, मैना, सैंजी, हिरणखुरी, सत्यानाशी, कृष्णनील, कटैली, जंगली पालक एवं गेगला आदि प्रमुख खरपतवार हैं।
3.
चने का भूसा, मूंग, मोठ, मूंगफली का भूसा, सरसों के पत्ते, जंगली गेहूं, जंगली पालक, जई, ज्वार, मक्का, धान का भूसा आदि को भी अपने पशु को पालने के लिए प्रयोग में लाता है।
4.
चौड़ी पत्तीवाली खरपतवार बथुआ, कृष्णनील, चट्टी, जंगली पालक आदि से फसल को बचाने के लिये 2-4 डी सोडियम साल्ट 80 प्रतिशत 800 से 1250 ग्राम प्रति हेक्टर की दर से 600 लीटर पानी में मिलाकर फसल को 30 से 35 दिन के अंदर पहली सिंचाई के उपरांत छिड़काव करने की भी उन्होंने कृषकों को सलाह दी ।